दिल दीवाना ना जाने कब खो गया / स्वामी विवेकानन्द से निवेदिता की मुलाकात सन् 1893 के शिकागो के विश्वधर्म सम्मेलन में हई स्वामीजी लन्दन अपने मित्रों के आग्रह पर आये थे यहीं पर मार्गरेट (निवेदिता) ने स्वामीजी के प्रवचन सुने और अपना आदर्श मान लिया।.