ऐसी सुभाना आये आये ना ऐसी शाम - हरीश ने जाकर बाबा को चेलेंज कर दिया कि आपके पास कोई जादू नहीं है, अगर आपके नाचने से बारिश हो सकती है तो मेरे नाचने से भी जरूर होगी। हरीश ने नाचना शुरू किया, नाचते हुए बार बार आसमान की ओर देखता लेकिन बारिश नहीं हुई, हरीश थोड़ी देर में ही थककर चूर हो गया।